आज खुद को गले लगा कर सोने को जी करता है, आज खुद को गले लगा कर सोने को जी करता है,
~~~~~फ़िलाबदिह ग़ज़ल ~~~~~ नब्ज़ धीमी है सांस भारी है.. ज़िंदा रहने की मश्क़ जारी है.. نبض ~~~~~फ़िलाबदिह ग़ज़ल ~~~~~ नब्ज़ धीमी है सांस भारी है.. ज़िंदा रहने की मश्क़ जारी...
तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ, तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ,
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
कहीं देखा है तुमने उसे जो मुझे सताया करती थी, जब भी उदास होता था मैं मुझे हँसाया कहीं देखा है तुमने उसे जो मुझे सताया करती थी, जब भी उदास होता था मैं ...